संपूर्ण विश्व में यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर एक दिव्य शक्ति का प्रतीक है (27 घी से और एक मुंगफली के तेल से)। के सर की पंखुड़ी पुष्प एवं चंदन का संयोजन होता है व उन के ऊपर श्याम वर्ण तथा केसरिया रंग के तिलक विद यमन है।
अतिविस्मय है जहां एक दीपक में सिक्के के आकार में चंदन का संयोजन होता है। पृथ्वी लोक में सफेद चंदन कभी किसी ने देखा नहीं है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है कि देवलोक में भगवान शिवजी और शिवलिंग की पूजा सफेद चंदन से की जाती थी। यही कारण है कि पृथ्वी लोक के शिवलिंग पर ऊं सफे द रंग अंकित हो गया है। जैन शास्त्रों के अनुसार सफेद चंदन देवलोक में माल्या गिरी पर्वत में होता है। इसी सफेद चंदन में मां चक्रेश्वरी का निवास है और इस तीर्थ में मां चक्रेश्वरी का विशेष अतिशयकार प्रभाव है।
जहाॅ अदृष्य दैविक शक्ति ने सन् 1998 एवं 2004 में एक भई को अर्धनिन्द्रा में जिनमंदिर का नक्ष भाग, जीर्णोद्धार के दर्शन लाभ संकेत एवं प्ररेणा विकेट इस पवित्र सा घर जैसे निर्मित मंदिर को शिखर बंध मंदिर में परिणित कहा गया है यही कारण है कि यह तीर वें मंदिर का है अन्य सभी जैन पेंटिंग से भिन्न है।
दिव्य दैवीय शक्तियों के संकेत अनुसार प्रति सप्तह रविवार के दिन सुबह 9 बजे से 12 बजे तक केसरी या कुंथुनाथ, मां चक्रेश्वरी, नाकोड़ा भैरवी, शमी मां मोहनसा देवाय महापूजन (नखरा 1101 पपीता) चक्रेश्वरी महापूजन के पश्चात कालाखाने से छुड़वाकर पूजा करें पाॅच बकरे अभयदान (नखरा 2100 प्याज़ प्रति बकरा) अर्पण किय (नखरा 700 प्याज़ मिलता है और डेयरी को 3500 प्रतिदिन), पिलाया जाता है। महापूजन, अभयदान, कबूतर एवं वस्त्र जीवदया का पुण्य या लाभ लेने के लिए मनोकामना भाग्यशाला पुजारीजी के पा से अपना नाम लिखवा सकते हैं।
झाॅ अदृष्य शक्ति के संकेत सागर में ओज नैरात्रों में होम अष्टमी के दिन केसरिया कुंथुनाथ रोग एवं व्याधि निनं श्रींघ्रव बल चक्रेश्वरी नित्यं चैबीस अधिष्ठायक परिपूजिताय श्री केस कुंथुनाथ नमः) का 999 बार एवं हवन कर प्रभु कुंथुनाथ को 999 बर अष्ट प्रकारी सागरी म ( जल चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल) की तरह है।
जहाॅ के यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधा युक्त ए.सी., गीजर डबल बेड युक्त और भोजन उपलब्ध है।
इन तीर्थ मंदिर में शासन चक्रेश्वरी का विशेष लाभ है। यह चक्रेश्वरी देवी के श्रीमुख से अनेक चमत्कारी भविष्यवाणियां एवं घटनाएं घटी। अंतिम भविष्यवाणी 16 मिनट, 1992 मिनट मंदिर के समतुल्य तीर्थ और पलिताना के '' मैं इस तीर्थ के निर्माण में मुख्य ओ गी एनव कार्यकर्ता रहे स्व. श्री मोहनमलसा दफ्तरी वर्तमान में जनश्रुति में कहा गया है कि लोक के वैमानिक देव का यह तीर अति अति प्रिय है और उनके भक्तों की उपस्थिति का आभास हो रहा है। दैविक संकेत के अनुसार 30 जून 2014 से उनकी समकिति मुद्रा में निर्मित प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति की नित्य एक अष्ट प्रकारी पूजा व आरती का आयोजन किया जाता है।
वर्तमान में इस तीर्थ के अद्भुत विकास एवं चमत्कारिक घटनाओं के पीछे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जिस देव-शक्ति का हाथ है वह स्व. श्री मोहनमलसा दफ्तरी मेहता का दैवीय रूप है। दैविक संकेत के अनुसार मोहनसा देवाय की पूजा मंडली का आयोजन किया गया है। आप पुजारीजी से कम्बल (नक्कारा 200 पिज्जा) प्राप्त कर सकते हैं। और देखें लोगो को रात में ओढ़ाडी मिलती है। यह लाभ कोई भी व्यक्ति ले सकता है।
पता | श्री केशरिया कुंथुनाथ 28 अखंड ज्योति दीपक मंदिर तीर्थ, 86-ए, जैन मंदिर गली, अजीत कॉलोनी, जोधपुर (राजस्थान) |
संपर्क | 09455556464 |
ईमेल | jaindharam@gmail.com |
रहने की / आवास सुविधा | धर्मशाला |
राज्य | राजस्थान |
निकटतम रेलवे स्टेशन | जोधपुर रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | जोधपुर हवाई अड्डा |
दिल्ली से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 578 Km |
आगरा से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 591 Km |
जयपुर से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 332 Km |
Address | Shri Keshariya Kunthunath 28 Akhand Jyoti Deepak Mandir Tirth, 86-A, Jain Mandir Gali, Ajit Colony, Jodhpur (Rajasthan) |
Contact No | 09455556464 |
jaindharam@gmail.com | |
Accommodation/accommodation/facility | Hospice |
State | Rajasthan |
Nearest Railway Station | Jodhpur Railway Station |
Nearest Airport | Jodhpur Airport |
Distance of Temple from Delhi by road | 578 Km |
Distance of Temple from Agra by road | 591 Km |
Distance of Temple from Jaipur by road | 332 Km |