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Chandakhedi Le Chalo Ji Sanvariya / चांदखेड़ी ले चालो जी सांवरिया

चांदखेड़ी ले चालो जी साँवरिया,
ऐसी लागी जी लगन, मेरे मन में सजन, प्रभु दर्शन की ॥
नैना भर आए कैसी प्यारी रे मूरतिया,
आदि-बाबा के नगर, चांदखेड़ी की डगर, ले चालूँ रे ॥टेक॥

नाभिराय मरुदेवी के नन्दन, आदीश्वर जिनराज जी ।
चांदखेड़ी में आन विराजो, शोभा वरणी न जाय जी ।
मन मचला दर्शन करने को, नैन रहे ललचाए रे ।
चन्दा बाबा भी हैं मेरे बाबा की नगरिया ॥१...आदि॥

रुपलनदी के तट पे बसा है, अतिशय क्षेत्र ये प्यारा ।
जिला है झालावाड खानपुर, मंदिर बना है प्यारा ॥
भाव सहित वंदन जो कर ले, जन्म सफल हो जाए रे ।
सुन रे ओ साथी, यही मुक्ति की डगरिया ॥२...ऐसी॥

मंजिल एक भूमि के भीतर, जा बैठे जिनराज जी,
पद्मासन मूरत अति प्यारी, किस विधि करूँ बखान जी ।
जो कोई वंदन पूजन कर ले, जन्म सफल हो जाए रे ।
बाबा ऐसे चमके जैसे चमके रे बिजुरिया ॥३...आदि॥