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Kabhi Veer Banke Mahaveer Banke / कभी वीर बन के, महावीर बन के

तीर्थंकर वंदना ( Tirthankar Vandana )

कभी वीर बन के, महावीर बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥

तुम ऋषभ रूप में आना, तुम अजित रूप में आना।

संभवनाथ बन के, अभिनंदन बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥

तुम सुमति रूप में आना, तुम पद्‍म रूप में आना।

सुपार्श्वनाथ बन के, चंदा प्रभु बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥

तुम पुष्पदंत रूप में आना, तुम शीतल रूप में आना।

श्रेयांसनाथ बन के, वासुपूज्य बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥

तुम विमल रूप में आना, तुम अनंत रूप में आना।

धरमनाथ बन के, शांतिनाथ बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥

तुम कुंथु रूप में आना, तुम अरह रूप में आना।

मल्लिनाथ बन के, मुनि सुव्रत बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥

तुम नमि रूप में आना, तुम नेमि रूप में आना।

पार्श्वनाथ बन के, महावीर बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥

कभी वीर बन के, महावीर बन के चले आना,

दरश मोहे दे जाना॥