अनंत तीर्थंकरों और आचार्यों की भावनाओं के अनुरूप कल्याणकारी जिनवाणी और जिनधर्म चिरकाल तक जयवन्त वर्ते – इसी मंगलमय भावना से अध्यात्मिक सत्पुरुष गुरुदेव श्री कानजी स्वामी के पुण्य प्रभावना योग में ०४ फरवरी से १० फरवरी २००६ तक अनेक विद्वानों के सानिध्य में श्री कुन्दकुन्द- कहान दिगम्बर जैन मुमुक्षु आश्रम की स्थापना हुई |आश्रम की स्थापना के समय ही शास्त्र स्वाध्याय, पूजन, विधान, ग्रुप शिविर एवं शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर आदि का आयोजन धर्म-शिक्षा हेतु महाविद्यालय की स्थापना की तथा जिनवाणी का प्रकाशन आदि गतिविधियाँ निरंतर संचालित हो रही हैं आठ बीघा क्षेत्र में फैले मुमुक्षु आश्रम में भव्य श्री शीतलनाथ जिनालय, श्री महवीर स्वामी जिनालय, श्री सीमंधर जिनालय, उत्तुंग श्री मानस्तंभ जिनालय एवं कृत्रिम पहाड़ी पर ग्यारह फीट ऊँची कायोत्सर्ग मुद्रा वाली श्री मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा युक्त जिनालय हैं
पता | श्री कुन्द कुन्द कहाँ दिगम्बर जैन मुमुक्षु आश्रम एवं मन्दिर, गिरधरपुरा, कोटा (राजस्थान) |
संपर्क | 02225864987 |
ईमेल | jaintirth.org |
रहने की / आवास सुविधा | धर्मशाला |
राज्य | राजस्थान |
निकटतम रेलवे स्टेशन | कोटा जंक्शन रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
दिल्ली से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 497 Km |
आगरा से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 440 Km |
जयपुर से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 261 Km |
Address | Shri Kund Kund Kahan Digamber Jain Mumukushu Ashram and Mandir, Girdharpura, Kota (Rajasthan) |
Contact No | 02225864987 |
jaintirth.org | |
Accommodation/accommodation/facility | Hospice |
State | Rajasthan |
Nearest Railway Station | Kota Junction Railway Station |
Nearest Airport | Jaipur International Airport |
Distance of Temple from Delhi by road | 497 Km |
Distance of Temple from Agra by road | 440 Km |
Distance of Temple from Jaipur by road | 261 Km |