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Tīrthankar Mahaveer Sanmbandhit Mahatvapurn Tathya / तीर्थंकर महावीर संबंधित महत्त्वपूर्ण तत्थ्य

नाम : वर्द्धमान, सन्मति, वीर, अतिवीर, महावीर

जन्मस्थान : कुंडपुर (जि.वैशाली,बिहार)

पिता एवं माता : सिद्धार्थ एवं त्रिशला (प्रियकारिणी)

वंश एवं गोत्र : ज्ञातृवंशीय क्षत्रिय, काश्यप गोत्र

चिह्न: सिंह

जन्म-तिथि : चैत्र शुक्ला त्रयोदशी, ई.पू. ५९९

दीक्षा-तिथि: मार्गशीर्ष कृष्णा दशमी, ई.पू. ५७०

तप-काल: १२ वर्ष ५ मास १५ दिन

कैवल्य प्राप्ति : वैशाख शुक्ला दशमी, ई.पू. ५५७

स्थान: जृम्भक गाँव, ऋजुकूला नदी-तट (बिहार)

उपदेश-काल : २९ वर्ष ५ मास २० दिन

निर्वाण तिथि : कार्तिक कृष्णा अमावस्या, ई.पू. ५२७

निर्वाणस्थली : पावापुरी (जि. नालंदा, बिहार)

आयु : लगभग ७२ वर्ष

पुरुरवा से लेकर भगवान् महावीर के 34 भव

1. पुरुरवा भील
2. पहले स्वर्ग में देव
3. भरतपुत्र मारीचि
4. पाँचवें स्वर्ग में देव
5. जटिल ब्राह्मण
6. पहले स्वर्ग में देव
7. पुष्यमित्र ब्राह्मण
8. पहले स्वर्ग में देव
9. अग्निशर्मा ब्राह्मण
10. तीसरे स्वर्ग में देव
11. अग्निमित्र ब्राह्मण
12. चौथे स्वर्ग में देव
13. भारद्वाज ब्राह्मण
14. चौथे स्वर्ग में देव
15. मनुष्य
16. स्थावर ब्राह्मण
17. चौथे स्वर्ग में देव
18. विश्वनंदी
19. दशवें स्वर्ग में देव
20. त्रिपृष्ठ अर्धचक्री
21. सातवें नरक में
22. सिंह
23. पहले नरक में
24. सिंह
25. पहले स्वर्ग में देव
26. विद्याधर
27. सातवें स्वर्ग में देव
28. हरिषेण राजा
29. दशवें स्वर्ग में देव
30. चक्रवर्ती प्रियमित्र
31. बारहवें स्वर्ग में देव
32. राजा नंदन
33. सोलहवें स्वर्ग में इन्द्र
34. तीर्थंकर महावीर

इनके पूर्व व मध्य में असंख्यात वर्षों तक इतर निगोद, नरकों, त्रस व स्थावर योनियों में जो भव ग्रहण किये, उनकी गिनती नहीं हो सकती।