जैन इतिहास की दृष्टि से उज्जैन एक ऐतिहासिक नगर रहा है। भगवान महावीर ने इसी स्थान पर अपनी गहन साधना की थी। मुनि अभयघोष को यहीं से मोक्ष की प्राप्ति हुई थी इसलिए यह स्थान भी एक सिद्ध क्षेत्र है। यहीं पर आचार्य सामंतभद्र ने एक शिवलिंग को प्रणाम किया था और उसमें से चंद्रप्रभु भगवान की एक मूर्ति निकली थी।
हाल ही में मुनि प्रज्ञासागर ने यहां बहुत सारे विकास के लिए प्रेरित किया है। भगवान ऋषभदेव के विश्व के सबसे बड़े चरण चिन्ह 7'x7' यहाँ बनाए गए हैं। यहां बहुमूल्य और अर्द्ध कीमती रत्नों से बनी चौबीसी भी रखी गई है। यहां कालसर्प दोष निवारण के लिए भगवान नेमिनाथ और पार्श्वनाथ मंदिर का निर्माण किया गया है। यहां पत्थर से बना कलिकुंड पार्श्वनाथ यंत्र भी रखा गया है।
पता | श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र महावीर तपोभूमि, पिपलया राधो मोड, उज्जैन-इंदौर हाईवे, उज्जैन (मध्य प्रदेश) |
संपर्क | 8525896369 |
ईमेल | adinathjain@gmail.com |
रहने की / आवास सुविधा | धर्मशाला |
राज्य | मध्य प्रदेश |
निकटतम रेलवे स्टेशन | उज्जैन रेलवे स्टेशन |
निकटतम हवाई अड्डा | इंदौर हवाई अड्डा |
दिल्ली से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 746 Km |
आगरा से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 594 Km |
जयपुर से मंदिर की दूरी सड़क द्वारा | 537 Km |
Address | Shri Digamber Jain Siddh Kshetra Mahavir Tapobhumi, Pipllaya Radho Mode, Ujjain-Indore Highway, Ujjain (Madhya Pradesh) |
Contact No | 8525896369 |
adinathjain@gmail.com | |
Accommodation/accommodation/facility | Hospice |
State | Madhya Pradesh |
Nearest Railway Station | Ujjain Railway Station |
Nearest Airport | Indore Airport |
Distance of Temple from Delhi by road | 746 Km |
Distance of Temple from Agra by road | 594 Km |
Distance of Temple from Jaipur by road | 537 Km |