उठे सबके कदम, देखो रम-पम-पम,
णमोंकार मंत्र गाया करो,
कभी खुशी कभी गम, तर रम-पम-पम,
जिन मंदिर जाया करो ॥
मेरे प्यारे प्यारे भैया, मेरे अच्छे अच्छे भैया,
जरा मंदिर आया करो,
कभी पूजा कभी भक्ति, कभी भक्ति कभी पूजा,
सदा द्रव्य चढाया करो ॥
मेरी प्यारी प्यारी दीदी, मेरी अच्छी अच्छी दीदी,
जरा पाठ्शाला जाया करो,
भक्तामर गाना, मेरी भावना गाना,
कभी दोनों ही गाया करो ।
मेरे प्यारे प्यारे अंकल, मेरी अच्छी अच्छी आंटी,
जरा तीरथ जाया करो,
कभी मांगी कभी तुंगी, कभी, तुंगी कभी मांगी,
कभी दोनों कराया करो ॥
सम्मेद शिखर जी की टोकों से बीस तीर्थंकर निर्वाणी,
पार्श्व प्रभू की पूजा अर्चना करले रे जिन-ज्ञानी
चंपापुर, पावापुर, राजगिरी, कुंडलपुर भी जाया करो
कभी तीरथ कभी अक्षर कभी अक्षर कभी तीरथ
कभी दोनों ही ध्याया करो ॥